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काशी विश्वनाथ मंदिर वह स्थान है जहाँ अंत और आरंभ का मिलन होता है। यह एक दिव्य स्थान है जहाँ भगवान शिव और भगवान नारायण विराजमान हैं। ऐसे आध्यात्मिक स्थान पर एक अद्भुत दृश्य ने भक्तों को आनंदित कर दिया। देवी लक्ष्मी का वाहन, एक सफेद उल्लू, प्रकट हुआ। यह दुर्लभ सफेद उल्लू काशी विश्वनाथ मंदिर के शिखर पर बैठा देखा गया। पौराणिक ग्रंथों में, सफेद उल्लू को देवी लक्ष्मी का वाहन माना जाता है। 20 अगस्त की शाम को शयन आरती के बाद मंदिर के शिखर पर यह सफेद उल्लू देखा गया। शिखर पर बैठे उल्लू ने स्वतः ही लोगों का ध्यान आकर्षित कर लिया। यह संकेत देता है कि जल्द ही कुछ शुभ होने वाला है।
यह घटना ज्योतिषीय दृष्टि से भी अत्यंत शुभ मानी जाती है। क्योंकि ग्रंथों में देवी लक्ष्मी का वाहन एक सफेद उल्लू है। इसे शांति, समृद्धि और सौभाग्य का प्रतीक बताया गया है। उल्लू के प्रकट होने के बाद से, इसे लेकर तरह-तरह की अटकलें लगाई जा रही हैं।
ज्योतिषियों और किंवदंतियों का कहना है कि सफेद उल्लू का दिखना देश के लिए शुभ है। उनका कहना है कि सफेद उल्लू आसानी से कहीं नहीं दिखते। ऐसे में काशी में सफेद उल्लू का आना देवी लक्ष्मी के आगमन का संकेत देता है। अब सफेद उल्लू के दिखने का असर भारत पर भी दिख रहा है। सरकार जल्द ही धार्मिक क्षेत्र में कोई बड़ा फैसला ले सकती है। इससे लोगों में खुशी की लहर दौड़ जाएगी।
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साथ ही, देश को आर्थिक लाभ मिलने के भी योग हैं। यानी आने वाले दिनों में सरकार कोई बड़ा आर्थिक फैसला ले सकती है। इस समय जीएसटी संशोधन पर भी चर्चा चल रही है। ऐसे में यह घटना और भी शुभ है। जानकारों का मानना है कि यह देश के लिए प्रगति की ओर ले जाने वाला है।
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